परिवार की भलाई।
चाहे नारी कितनी टुट जाए।
अपने परिवार की भलाई ही सोचती है।
खुद चाहे टुट कर बिखर जाए।
अपनों को हमेशा जोड़ कर रखती है।
टुटा तारा हो या टुटा नारी का दिल।
अपनों से चाहे ज़ुदा हो जाए।
भगवान से लड़ने की ताकत रखते हैं।
कबूल करवा लेते हैं। अपनों की मांगी दुआए।
ये करिश्मा ही तो है उस खुदा का।
जो ये बरकत का वरदान नारी को दिया।
सूखे में भी बहार ले आए।
ऐसा उसकी दुआओं में असर दिया।
NEELAM GUPTA
06-Sep-2021 02:00 PM
सभी को बहुत बहुत आभार
Reply
Miss Lipsa
02-Sep-2021 09:32 PM
Waah waah
Reply
Niraj Pandey
02-Sep-2021 12:09 PM
👌👌
Reply